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कई बार लोगों का चालान सिर्फ इस वजह से हो जाता है क्योंकि उन्होंने अपने व्हीकल को मॉडिफाइड कराया होता है। मोटर व्हीकल एक्ट के मुताबिक, गाड़ी में ऐसे मॉडिफिकेशन नहीं कराए जा सकते जिससे उसका मॉडल ही चेंज हो जाए। यदि ऐसी स्थिति आ भी जाए तब गाड़ी का नए सिरे से RTO में रजिस्ट्रेशन जरूरी हो जाता है। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि व्हीकल में बेसिक मॉडिफिकेशन करना गैरकानूनी है। इसके लिए चालान का प्रावधान है। व्हीकल एक्ट के नियमों के तहत वाहनों के बेसिक स्ट्रक्चर में छेड़छाड़ करना कानून  का उल्लंघन है। ऐसा करने पर गाड़ी का रजिस्ट्रेशन भी कैंसिल हो सकता है। यहां तक की 25 हजार या उससे भी कहीं ज्यादा का चालान हो सकता है।

1. नंबर प्लेट के नंबर्स

आप गाड़ी में फैंसी नंबर प्लेट नहीं लगा सकते यह नियमों के खिलाफ है। कार के आगे और पीछे की नंबर प्लेट नंबर्स का अच्छे से दिखना अनिवार्य है। फैंसी नंबर प्लेट लगवाने से नंबर सही से नहीं दिख पाते हैं। ऐसे में चालान कट जाता है।

2. हेडलाइट का मॉडिफिकेशन

मॉडिफाइड हेडलाइट्स लगाना भी कानून का उल्लंघन है। ज्यादतर लोग अपनी पसंद के हेडलैंम्प्स गाड़ी लगा लेते हैं। हेडलैंप बहुत तेज हैं तो ये सामने वाले के परेशानी बन सकता है। वहीं टेल लाइट में छेड़खानी करना भी गलत माना जाता है।

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3. हॉर्न को चेंज कराना

कई लोग गाड़ी में हॉर्न में भी चेंज कर लेते हैं। कानों को बहरा बनाने वाले यानी तेज आवाज वाले हॉर्न को लगाना वैध मॉडिफिकेशन नहीं है। इसके साथ फैंसी हॉर्न का उपयोग भी गलत है। इस पर भारी चालान काटा जा सकता है।

4. तेज आवाज वाले साइलेंसर

कई लोग अपने टू-व्हीलर या कारों में ऐसे साइलेंसर लगवा लेते हैं, जो ध्वनि प्रदूषण को बढ़ावा देते हैं। इस तरह की अजीबोगरीब आवाज निकालने वाले साइलेंसर को लगाना गैरकानूनी है। इस पर बड़ा चालान कट सकता है। यहां तक की गाड़ी भी जब्त हो सकती है।

5. टायर्स को चेंज करना

गाड़ी को कुछ अलग दिखाने के लिए कई लोग ज्यादा चौड़े टायर लगा देते हैं। ये गाड़ी से बाहर भी निकलते हैं। नियमों के तहत ये गैरकानूनी है। किसी भी गाड़ी में टायर लगाने के लिए कंपनियों के कुछ मानक होते हैं। उस मानक के तहत वाहनों में चेंज करना सही नहीं है। इसमें सेफ्टी और सिक्योरिटी को भी देखा जाता है।

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6. कलरफुल ग्लास लगाना

कई लोग गाड़ी के ग्लास पर कलरफुल लेयर लगा लेते हैं। यह पूरी तरह से कानून का उल्लंघन है। नियम के चलते ग्लास के आरपार दिखना जरूर है। इसमें रियर ग्लास की विजीबिलिटी का मानक 75% तक होना अनिवार्य है। साइड के कांच की विजीबिलिटी 50% तक होनी जरूरी है।

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