जम्मू-कश्मीर के अलगाववादी नेता यासिन मलिक ने दिल्ली में एक कोर्ट के सामने टेरर फंडिंग के मामले में अपना जुर्म कबूल कर लिया है। जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के मुखिया मलिक पर 1990 में एयरफोर्स के चार जवानों की हत्या का भी आरोप है। अदालत ने यासिन मलिक को गुरुवार को औपचारिक तौर पर दोषी करार दिया है। अब सजा को लेकर 25 मई को बहस होगी।
यासिन मलिक को दोषी करार दिए जाने के बाद वायुसेना में स्क्वाड्रन लीडर रहे रवि खन्ना की पत्नी ने कहा, बुरे कर्म का बुरा ही नतीजा होता है। जिसने वायुसेना के चार जवानों की हत्या कर दी थी, वह अगर मर भी जाता है तो इसकी कीमत अदा नहीं होगी। बता दें कि साल 2019 में केंद्र सरकार ने यासिन मलिक के जेकेएलएफ पर प्रतिबंध लगा दिया था।
1990 में क्या हुआ था?
घटना 25 जनवरी 1990 की है जब श्रीनगर के रावलपोरा में आतंकियों ने वायुसेना के जवानों पर हमला कर दिया। इस घटना में चार जवान शहीद हो गए थे वहीं कम से कम 40 लोग घायल हुए थे। दरअसल वायुसेना के जवान फायरिंग के लिए तैयार नहीं थे। वे एयरपोर्ट जाने के लिए बस का इंतजार कर रहे थे। तभी आतंकियों ने अचानक हमला कर दिया।
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शहीद हो गए थे रवि खन्ना
स्क्वाड्रन लीडर रवि खन्ना भी वहीं मौजूद थे। वे आतंकियों से बहादुरी से लड़े। आतंकियों ने ऑटोमैटिक गन से ताबड़तोड़ फायरिंग की जिसमें खन्ना सहित चार जवान शहीद हो गए। इस मामले में भी कोर्ट ने पाया था कि यासिन मलिक समेत अन्य आरोपियों पर मुकदमा चलाने के लिए पर्याप्त सबूत हैं। यासिन मलिक अभी तिहाड़ जेल में बंद है।