उत्तराखंड में बनने वाले पहले राजकीय होम्योपैथी मेडिकल कॉलेज के लिए प्रदेश सरकार ने जमीन का चयन कर लिया है। यह मेडिकल कॉलेज आयुर्वेद विश्वविद्यालय हर्रावाला के परिसर में बनेगा। इसके निर्माण पर 70 करोड़ खर्च होने का अनुमान है। इसमें 90 प्रतिशत बजट केंद्र सरकार से मिलेगा। इस मेडिकल कॉलेज के बनने से प्रदेश के युवाओं को होम्योपैथी चिकित्सा की पढ़ाई के लिए दूसरे राज्यों में नहीं जाना पड़ेगा।

प्रदेश में होम्योपैथी चिकित्सा की पढ़ाई के लिए सरकारी क्षेत्र में मेडिकल कॉलेज नहीं है। प्रदेश सरकार की ओर से भेजे गए प्रस्ताव को केंद्र सरकार से मंजूरी मिल चुकी है। साथ ही मेडिकल कॉलेज को प्रदेश सरकार की व्यय वित्त समिति ने स्वीकृति दे दी है। आयुर्वेद विश्वविद्यालय के हर्रावाला परिसर में होम्योपैथी मेडिकल कॉलेज के लिए जमीन का चयन किया गया। चुनाव आचार संहिता हटने के बाद कार्यदायी संस्था का चयन और डीपीआर बनाने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा।

प्रदेश में एक ही निजी होम्योपैथी मेडिकल कॉलेज

प्रदेश में वर्तमान में एक ही निजी होम्याेपैथी मेडिकल कॉलेज है। जिसमें 50 सीट संचालित करने की मान्यता है। जिससे होम्योपैथी डॉक्टर बनने के लिए युवाओं को प्रदेश से बाहर जाना पड़ता है। इसके अलावा होम्योपैथिक मेडिसिन बोर्ड में 1100 सरकारी व निजी डॉक्टर पंजीकृत हैं। विभाग के माध्यम से प्रदेश में 150 से अधिक होम्योपैथी डिस्पेंसरी चल रही है। जिनके माध्यम से लोगों को होम्योपैथी चिकित्सा से इलाज की सुविधा है।

आयुर्वेद विश्वविद्यालय परिसर में होम्योपैथी मेडिकल कॉलेज के लिए जमीन का चयन किया गया है। जो सरकारी क्षेत्र में पहला कॉलेज होगा। शीघ्र ही डीपीआर तैयार कर केंद्र को भेजी जाएगी। कार्यदायी संस्था का चयन का निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा। -डॉ. पंकज कुमार पांडेय, सचिव आयुष