अकोला, 9 अप्रैल 2025: विदर्भ सुपर फास्ट एक्सप्रेस ट्रेन (Vidarbha Super Fast Express) के सेकंड एसी कोच में एक बुरका पहने महिला ने बिना टिकट यात्रा करते हुए जमकर हंगामा मचाया। महिला ने न केवल टीटीई (TTE) और रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स (RPF) के साथ बदतमीजी की, बल्कि सह-यात्रियों को भी धमकी दी। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसके बाद रेलवे प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग उठ रही है।
क्या है पूरा मामला?
घटना उस समय की है जब विदर्भ सुपर फास्ट एक्सप्रेस ट्रेन अपने निर्धारित मार्ग पर चल रही थी। टीटीई ने जब बुरका पहने एक महिला से टिकट मांगा, तो उसने टिकट दिखाने से साफ इनकार कर दिया। टीटीई और आरपीएफ ने महिला से कहा, “मैडम, कृपया अपना टिकट दिखाएं। यह आपकी बर्थ नहीं है।” इस पर महिला ने गुस्से में जवाब दिया, “प्रधानमंत्री से जाकर मेरे बारे में पूछो, मैं टिकट नहीं दिखाऊंगी।”
महिला यहीं नहीं रुकी। उसने सह-यात्रियों को धमकी देते हुए कहा, “ज्यादा बोलोगे तो टुकड़े-टुकड़े कर दूंगी।” उसने कथित तौर पर कुछ यात्रियों के साथ हाथापाई भी की, जिससे कोच में अफरा-तफरी मच गई। अन्य यात्रियों ने इस घटना को अपने मोबाइल में रिकॉर्ड कर लिया, जो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
अकोला स्टेशन पर दर्ज हुआ मामला
ट्रेन के अकोला रेलवे स्टेशन (Akola Railway Station) पर पहुंचने के बाद, महिला कांस्टेबल की मौजूदगी में रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स (RPF) ने आरोपी महिला के खिलाफ मामला दर्ज किया। हालांकि, रेलवे अधिकारियों ने अभी तक इस घटना पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है।
यात्रियों में डर का माहौल
इस घटना ने ट्रेन में मौजूद अन्य यात्रियों में डर का माहौल पैदा कर दिया। एक यात्री ने बताया, “महिला का व्यवहार बहुत आक्रामक था। उसने न केवल रेलवे स्टाफ के साथ बदतमीजी की, बल्कि हमें भी धमकाया। ऐसी घटनाएं रेल यात्रा को असुरक्षित बनाती हैं।” यात्रियों ने रेलवे प्रशासन से मांग की है कि ट्रेनों में सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त किया जाए।
रेलवे में बढ़ती सुरक्षा चिंताएं
यह घटना ऐसे समय में सामने आई है जब रेलवे में बिना टिकट यात्रा और सुरक्षा से जुड़े मामले लगातार बढ़ रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि पहचान छिपाने वाली पोशाकों का इस्तेमाल सुरक्षा के लिए एक चुनौती बन रहा है। हिंदू पोस्ट की एक रिपोर्ट में कहा गया, “महिला की छिपी हुई पहचान ने जवाबदेही में देरी की, जिससे यह सवाल उठता है कि ऐसी पोशाकें असामाजिक व्यवहार को बढ़ावा दे सकती हैं।”
रेलवे की चुप्पी
रेलवे प्रशासन ने इस मामले पर अभी तक कोई बयान नहीं दिया है। हालांकि, सूत्रों के अनुसार, रेलवे इस घटना की जांच कर रहा है और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की योजना बना रहा है।
यह घटना रेलवे में सुरक्षा और अनुशासन की कमी को उजागर करती है। यात्रियों ने मांग की है कि रेलवे टिकट चेकिंग की प्रक्रिया को और सख्त करे और ट्रेनों में सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ाए। इस घटना ने एक बार फिर रेल यात्रा के दौरान सुरक्षा के मुद्दे को चर्चा में ला दिया है।